गुरुवार, 19 मार्च 2015

क्रिकेटिया बक बक

आज कई दिनों बाद सीट मिली, शायद हिन्दुस्तानी लोग मैच देखकर अभी भी सो रहे हैं। शायद कोई और वजह हो लेकिन इतनी खाली ट्रेन तो कई दिनों बाद मिली। बांग्लादेशी गजब पिटाए कल, बकलोल सब 2007 का वीडियो दिखाकर मौका मौका कर रहे थे। बांग्लादेश के कप्तान की हरकतें देखकर लग रहा था मानो इन सबकी संटी से सुताई करता होगा। गजब की हरकतें थी भैया.... विराट कोहली की विकट लेकर इनकी ख़ुशी... वाकई काफी मनोरंजन था।

मित्रों हमारे एक मित्र अमय, जो क्रिकेट को जीते हैं... पहनते हैं.. ओढ़ते हैं और कोई भी मैच मिस नहीं करते। यह विश्व कप पश्चिमी देशों में बसे लोगों के लिए रातभर का जागरण है लेकिन भाई अमय की दृढ़ता गजब है। यह पोस्ट मैं इन्ही को डेडिकेट कर रहा हूँ। किसी भी खेल के लिए उसके फैन बहुत मायने रखते हैं। हमारी पीढ़ी सचिन तेंदुलकर से साथ ही बड़ी हुई है। सं अंठानवे हमे आज भी कल ही की बात लगती है। वह शारजाह की पारियां आज भी एकदम तरोताज़ा है। हम बड़े होते गए और सचिन महान होते गए, क्रिकेट की गेम बड़ी होती गई। भारत जिसे कोई सीरियसली नहीं लेता था वह दो बार विश्व चैम्पियन बन गया। एक समय घर के शेर का तमगा था और आज भारत ने हर देश को उसी के घर में मारा है। वाकई नए ज़माने की क्रिकेट के धुरंधर हैं धोनी। कई बार हार भी मिली है लेकिन खेल तो खेल है। चलिए आगे आने वाले मैचों के लिए शुभकामनाएं... आशा है धोनी कप लाएंगे और एक बार फिर देश झूम उठेगा।

हमारा स्टेशन आया, मिलते हैं कल। जय राम जी की।।