मुम्बई की इस सर्दी और गर्मी नें हमें परेशान कर रखा है... सो बस आज कल ब्लागिंग और फ़ेसबुक से दूर हूं.. लेकिन इस स्थिति में भी हमारे अन्दर का ब्लागर ज़िन्दा है... तो फ़िर लीजिए आपके लिए देव बाबा की कुछ पैरोडिया... चचा गालिब से क्षमा याचना सहित...
बुखार आया आज कल ... सोया चादर तान...
देश दुनिया में क्या हुआ... तनिक रहा न भान...
कभी छाए काली घटा.. कभी रहे है घाम...
इस मौसम की मार ने.. कर डाला परेसान....
घरवाली जब डाक्टर हो तो सारे हुकुम चलाती है..
यही है उसका मौका जब वो सारे नियम बनाती है...
लाईक करते लोग सब.. मेरे दिल के घाव..
अब तो इस दुनिया से रहा न तनिक लगाव...
रहा न तनिक लगाव... जा रहा अब मैं निद्रा लोक
स्वप्न सुन्दरी के साथ अब... घूंमूगा चहूंलोक..
कविता मेरी देख के.. खूब गालिब रोय
रात सपनें में मेरे... कूट गये वो मोए.....
देव
5 टिप्पणियां:
बुखार दिमाग मे असर कर रहा है ... ठीक से इलाज करो ... ;-)
dimagi post... are nahin bukhari post...
Offff ho.... mera matlab dimagi bukhaar.... :)
दिमागी बुखार... हा हा..
विश्राम कर लें, बुखार भी उतर जायेगा।
:-)
ग़ालिब चचा से कुट कर अब ठीक होंगे...???
सादर
अनु
एक टिप्पणी भेजें