गुरुवार, 30 अगस्त 2012

बुखार आया आज कल ... सोया चादर तान.....


मुम्बई की इस सर्दी और गर्मी नें हमें परेशान कर रखा है...  सो बस आज कल ब्लागिंग और फ़ेसबुक से दूर हूं.. लेकिन इस स्थिति में भी हमारे अन्दर का ब्लागर ज़िन्दा है... तो फ़िर लीजिए आपके लिए देव बाबा की कुछ पैरोडिया... चचा गालिब से क्षमा याचना सहित...

बुखार आया आज कल ... सोया चादर तान... 
देश दुनिया में क्या हुआ... तनिक रहा न भान...

कभी छाए काली घटा.. कभी रहे है घाम... 
इस मौसम की मार ने.. कर डाला परेसान.... 

घरवाली जब डाक्टर हो तो सारे हुकुम चलाती है..
यही है उसका मौका जब वो सारे नियम बनाती है...

लाईक करते लोग सब.. मेरे दिल के घाव..
अब तो इस दुनिया से रहा न तनिक लगाव...

रहा न तनिक लगाव... जा रहा अब मैं निद्रा लोक
स्वप्न सुन्दरी के साथ अब... घूंमूगा चहूंलोक.. 

कविता मेरी देख के.. खूब गालिब रोय
रात सपनें में मेरे... कूट गये वो मोए.....

बस तो फ़िर हम चलते हैं चद्दर तान के सोनें... और स्वप्न सुन्दरी के साथ यात्रा करनें... आप झेलिए इस पोस्ट को...

देव

5 टिप्‍पणियां:

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बुखार दिमाग मे असर कर रहा है ... ठीक से इलाज करो ... ;-)

Shekhar Suman ने कहा…

dimagi post... are nahin bukhari post...
Offff ho.... mera matlab dimagi bukhaar.... :)

Dev K Jha ने कहा…

दिमागी बुखार... हा हा..

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

विश्राम कर लें, बुखार भी उतर जायेगा।

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

:-)
ग़ालिब चचा से कुट कर अब ठीक होंगे...???
सादर
अनु