मित्रों देव बाबा आई टी इंडस्ट्री में काम करते हैं... ब्लॉग जगत में अलग अलग ब्लोग्स को पढना और उन पर टिप्पणी करना संभव नहीं होने पता.... समय की कमी के कारण जब भी मन होता है, ब्लोग्स को मोबाइल पर पढ़ लेता हूँ.... कल हुए एक वाकये ने थोडा विचलित किया.... आपके सामने एक बात रखी जाये....
कल मेरे एक मित्र मुझसे बोले की मैं उनके ब्लॉग पर कमेंट्स नहीं देता, मैंने बोला भाई मैं आपकी हर पोस्ट को पढता हूँ.... उन्होंने बोला ऐसा पढने से क्या फायदा की कोई टिप्पणी ना आये.... मैंने बोला भाई क्या पोस्ट केवल टिप्पणी पाने के लिए ही लिखते हो... यार टीप देना तो हर किसी का मौलिक विचार है..... अब पोस्ट पढ़े तो टीप देना ही है, ऐसा कोई ज़रूरी थोड़े है..... भाई सच कहु तो बड़ी बुरी तरह से भड़क गए.....
क्या कहें.... आज कोई और पोस्ट लिखने का मन नहीं हो रहा है.....
कल मेरे एक मित्र मुझसे बोले की मैं उनके ब्लॉग पर कमेंट्स नहीं देता, मैंने बोला भाई मैं आपकी हर पोस्ट को पढता हूँ.... उन्होंने बोला ऐसा पढने से क्या फायदा की कोई टिप्पणी ना आये.... मैंने बोला भाई क्या पोस्ट केवल टिप्पणी पाने के लिए ही लिखते हो... यार टीप देना तो हर किसी का मौलिक विचार है..... अब पोस्ट पढ़े तो टीप देना ही है, ऐसा कोई ज़रूरी थोड़े है..... भाई सच कहु तो बड़ी बुरी तरह से भड़क गए.....
क्या कहें.... आज कोई और पोस्ट लिखने का मन नहीं हो रहा है.....
3 टिप्पणियां:
देखो यार ... बात उसकी भी ठीक है ... और तुम्हारी भी ... ;-)
हम यहाँ इस आशा से टिपिया रहे हैं की आप भी अपना फर्ज जरूर निभाएंगे...
कृपया मेरे ब्लॉग पर भी आने का कष्ट करें :D
क्या टिपियाना जरूरी है?
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