waah...vapas apni zindagi cheen lo...
ह्म्म्म बढ़िया !!
हंसो, मुस्कुराओ.. गीत गाओ... मगर गम की दावेदारी मत स्वीकारो ज़िन्दगी बीन लो वापस अपनी ज़िन्दगी छीन लो ...खूबसूरत अभिव्यक्ति...बधाई. ***************'शब्द सृजन की ओर' पर 10 मई 1857 की याद में..आप भी शामिल हों.
बहुत ही भावपूर्ण निशब्द कर देने वाली रचना . गहरे भाव.
कई रंगों को समेटे एक खूबसूरत भाव दर्शाती बढ़िया कविता...बधाई
khoobsurat kavita.
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6 टिप्पणियां:
waah...vapas apni zindagi cheen lo...
ह्म्म्म बढ़िया !!
हंसो, मुस्कुराओ.. गीत गाओ...
मगर गम की दावेदारी मत स्वीकारो
ज़िन्दगी बीन लो
वापस अपनी ज़िन्दगी छीन लो
...खूबसूरत अभिव्यक्ति...बधाई.
***************
'शब्द सृजन की ओर' पर 10 मई 1857 की याद में..आप भी शामिल हों.
बहुत ही भावपूर्ण निशब्द कर देने वाली रचना . गहरे भाव.
कई रंगों को समेटे एक खूबसूरत भाव दर्शाती बढ़िया कविता...बधाई
khoobsurat kavita.
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