सोमवार, 23 नवंबर 2009

भगवन तेरे देश में तरह तरह के लोग

भगवन तेरे देश में तरह तरह के लोग... यार इस दुनिया में भांति भांति के लोग पाए जाते हैं... विधाता की इस सृष्टि में अजीबो गरीब कला-कृतियाँ हैं | यार आज कल मैं भी कुछ उसी उधेड़-बुन में था की कैसे इनका सामना किया जाए | भाई जा तू तेरे रस्ते और मुझे मेरे रस्ते जाने दे ना...| क्यों परेशान कर रहा है और परेशान हो रहा है... मगर नहीं कुछ लोग होते ही हैं ऊँगली करने के लिए.. | अभी यार दुनिया में किस इंसान को कितना महत्त्व देना है यह बहुत ज़रूरी है... किसी भी ऐरे गैरे से बात करने के पहले भाई देख तो लो वह बात करने के लायक है भी या नहीं... चलो बात भी कर लो उसके बाद भी यह देख लो की किस लेवल की बात करने के लायक है...|

यार कुछ कुछ लोग तो इस हद तक बेतुकी बातें करेंगे की क्या कहूँ... आप बतिया रहे हैं भारत की आज़ादी के बारे में और यह बतियाएँगे अमेरिका के बारे में... अबे इनको हिंदुस्तान का पता नहीं चलें हैं अमेरिका में घुसने... | यार पता नहीं किसने कौन सी शिक्षा दे के इनको इतना बर्बाद कर दिया है... | हिंदुस्तान किस ओर जा रहा है... यह पीढ़ी किस रंग में रंगी जा रही है.. | यार बर्गर और पिज्जा के हिमायती, इनको दाल रोटी खाने वाले लोग गंवार लगते हैं... | नस्ल ख़राब कर दी है यार | कैसे ठीक करेंगे इनको... भगवान् ही जाने.. |

अब यार कोई कोई लोग तो मुझे ऐसे भी मिले जो किसी लायक नहीं थे और बिना मतलब के इतनी शान दिखा रहे थे.. की क्या कहें| टाटा बिरला और अम्बानी की शान भी इनकी शान के आगे कुछ नहीं.. | एकदम वोह क्या कहते हैं "एटिट्यूड" वाले लोग... आज कल की नयी पीढ़ी के लोग... | किसी को अपने आगे कुछ समझते ही नहीं |समझ गए ना मेरा इशारा किसकी तरफ है.. | तो साहब इन हिंदुस्तान में छुपे तथा-कथित आधुनिक लोगों से ज़रा बच के रहिये... क्योंकि जो अपने देश का नहीं हुआ वह किसी और का क्या होगा... |

देव
नवम्बर २३, २००९

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