बुधवार, 3 अगस्त 2016

अनजान रास्तों पर पूरे कॉन्फिडेंस के साथ.. मोबाइल नेविगेशन ज़िंदाबाद


भारत में ड्राइव करना और अमेरिका में ड्राइव करने में कई बुनियादी अंतर है... भारत में बाएं चलने की आदत होने के कारण शुरूआती समय में दिक्कत हुई लेकिन फिर धीरे धीरे अभ्यस्त होने के बाद ठीक हो गया। वैसे भी आजकल गूगल मैप लेन गाइडेंस, रियल टाइम अपडेट के साथ ट्रैफिक की स्थिति, ट्रैफिक जाम होने पर वैकल्पिक रास्ते की भी जानकारी दे देता है और बहुत उपयोगी होता है। मैंने पहली बार मोबाइल मैप 2006 में इस्तेमाल किया था और नेविगेशन का उपयोग करना 2007 में शुरू किया था उस समय नोकिया मैप्स और गूगल मैप्स अपने आरंभिक दौर में थे, और गूगल के लैटिट्यूड ने भी अपनी लोकेशन को साझा करने और नेविगेट करने में बहुत मदद की थी। जब हम भारत भ्रमण पर थे तब इसी लोकेशन शेयरिंग के कारण शिवम भैया की मैनपुरी की उन घनघोर गलियों में भी आसानी से पहुँच गए थे। यहाँ अमेरिका में तो गाड़ी चलाने के लिए बड़ा सोच विचार करना पड़ता है, गाड़ी को कब, कहाँ और कैसे, किस लेन में रखनी है और कितनी स्पीड पर रखनी है इन सभी के लिए नेविगेशन परम आवश्यक हो जाता है।

मुझे मोबाइल नेविगेशन के लिए तीन मुख्य एप्पलीकेशन पसंद आते हैं: गूगल मैप, नोकिया या हियर मैप(ऑफ लाइन नेविगेशन की सुविधा के साथ) और तीसरा वेज़(Waze). वेज़ से मेरी दोस्ती हाल फिलहाल ही हुई है और यह मुझे बड़ा पसंद आया है। इसमें सोशल नेटवर्किंग की ही तरह गड्ढे, सड़क के जाम, कोई ट्रैफिक हादसा सभी जानकारी साझा कर सकते हैं और अपने रास्ते पर चलने वाले लोगों की मदद ले सकते हैं और उनकी मदद कर सकते हैं। नोकिया हेअर मैप्स तो विमान में बैठे हुए भी लोकेशन दिखा रहा था, यह देखिये उदाहरण के लिए:
वेज़ की स्थिति तो एकदम मजेदार होती है, जैसे कि अभी इस समय रात के साढ़े ग्यारह बजे भी मेरे घर के आसपास के ट्रैफिक की स्थिति देखिये:
न्यूयॉर्क जाने के लिए लिंकन टनल में ट्रैफिक जाम को बताते वेज़ के सोशल नेटवर्किंग  

इनके अलावा भारत में मैंने sygic का बहुत उपयोग किया है, त्रिविमीय आकृतियों से सुसज्जित यह बड़ा ही अच्छा एप्पलीकेशन है। इसकी सिर्फ एक दिक्कत है वह बैटरी, सो कर में अगर चार्जर है तो आप बड़े ही मजे में घूम सकते हैं। यह स्पीड अलर्ट भी देता है जो बहुत उपयोगी है।
स्पीड अलर्ट के साथ 
1612 किमी चलने के बाद भी पूरे मजे से.....



इसके अलावा आजकल गाड़ी में लगे लगाए नेविगेशन के भी अच्छे कण्ट्रोल हैं लेकिन वह मुझे बड़ा ही सीमित और बेवकूफ किस्म का लगता हैं। उसके ऊपर भी गाड़ी के निर्माताओं की बेवकूफी से भरी नीति है जो मैप के नए अपडेट के लिए आपको दौड़ाते रहते हैं। जेब में पड़ा हुआ आपका मोबाइल और पर्सनल नेविगेशन इस झिकझिक की तुलना में काफी अच्छा है। सो बस इनस्टॉल कीजिये और मजे से निकल पढ़िए, अनजान से रास्तों पर पूरे कॉन्फिडेंस के साथ :) :)

चलिए लगे हाथो इनको डाउनलोड करने की लिंक दिए देता हूँ:

एंड्राइड:
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.sygic.aura
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.waze
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.here.app.maps
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.google.android.apps.maps

(इस पोस्ट के सभी चित्र मेरे मोबाइल से लिए हुए हैं और सभी मेरे किसी न किसी यात्रा के अनुभव हैं)

2 टिप्‍पणियां:

शिवम् मिश्रा ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " हिन्दी Vs English - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

हाँ .टेक्नालॉजी ने जीवन की सादगी खत्म कर दी पर अनेक सुविधायें भी दी जिनसे गुज़र आसान हो गई है .एक रास्ता बतानेवाला एपरेटस भी आ गया है (नाम नाम नहीं याद आ रहा)गाड़ी में लगा लो रास्ता बताता चलेगा (दिमाग़ सचेत रखना ज़रूरी है कभी-कभी गड़बडा भी जाता है).