भाई लोगों... मनोरंजन टैक्स देखिए....
१२३ रुपये का टिकट और ५० रुपये का मनोरंजन टैक्स............
पुरनका थियेटरवा ठीक था बे... ऊ लाईन वाला..... बडका परदा पर टीवी चलता था.....
चलिए पटियाला हाऊस देख कर आते हैं.... उसके बाद बताएंगे की ३६० रुपईया का ई खर्चा.... पईसा वसूल था की फ़जूल............ आप लोग टिकसवा का कापी से काम चलाईए....
मनोरंजन टैक्स.......... ४५ फ़ीसदी........ गजब है भईया....
6 टिप्पणियां:
अरे यार समझा करो ... उन लोगो को क्या पता कि तुम सच में फिल्म ही देखने गए हो !
; -)
हाँ यह उनकी गलती है टिकेट देने से पहले ही पूँछ लेना चाहिए फिल्म देखनी है या नहीं ... उस हिसाब से टैक्स का निर्धारण हो ... चिंता ना करो ... अब की बार के चुनाव में हम को वोट दे कर एक बार मंत्री बनवा दो ... साला सब ठीक कर देंगे !
हाय्ं पिक्चर हाल में बैठे बैठे ..पोस्ट ..राम राम ..रे ई ब्लॉगर होना तो पापा है एकदम ..ई नय कि ..चुपचाप बईस के ..लौंग का लशकारा देखें ...टिकस दिखा रहे हैं ...अरे इश्टूडेंट पास जिंदगी भर चलेगा ..सादी न हुआ है ..सुनिए ..अरे का सुनिए ..सुनो ..छोटा भाई हो न ...इसलिए कौनो सुनिए सुनाईये नहीं ...अच्छा हमको फ़ोन करके बता देना कि गनवा के अलावा भी का ..ऊ अनुष्का हौट लगी है का ???
तब तकले तो ..भईया जी इश्माईल हैं
अब फ़िल्म देख कर आए गये भैया, ठीके ठाक था..... समीक्षा लिखनें का मन हो रहा है।
जल्दी ही लिखेंगे....
बबूल बबूल पैसा वसूल।
लिखिए समीक्छा और वसूलिए खर्चा।:)
सच ही है, बड़ा मजा ले रही है सरकार।
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देव जी, ललित जी का आइडिया कमाल क है.
समीक्षा से वसूलिये पैसे अगर छप जाये तो बताइयेगा.
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