यार आज कल रोजाना कुछ ना कुछ गड़बड़ ही हो रही है.... अब बताइए भाई ४०० पोस्ट के लिए साथ लाख आवेदन थे... २२ राज्यों से आवेदन मांगे गए थे... तो फिर क्या रेलवे प्रशाशन और बरेली जिला प्रशासन के पास कोई खबर नहीं थी? कोई भी सूचना आपस में साझा क्यों नहीं हुई थी....
एक के बाद एक हो रहे यह हादसे... आखिर बेरोजगारी किस हद तक ले कर जाएगी.... मांगी नौकरी.... और मिली मौत.... आखिर हो क्या रहा है यार.... बरेली जैसी छोटी जगह पर सात लाख आवेदन आने पर भी तैयारी पूरी क्यों नहीं की गयी..
जिस माँ का लाल घर से यह सोचकर निकला था की नौकरी के लिए इंटर-व्यू देने जा रहा है और फिर घर पहुंची मौत की खबर..... क्या है यह........
रेलवे कह रहा है की स्थिति नियंत्रण में है.... अबे तुम्हारी.... क्या नियंत्रण में है..... और किसके नियंत्रण में है..... आखिर सरकार के पास बेरोजगारी के सही आंकड़े क्यों नहीं हैं.... यह सब तैयारी से हुआ होता तो फिर ऐसा दुखद प्रकरण ना हुआ होता.........
उफ़ उफ़......... सोच कर कितना खेद हो रहा है.................. एक और हादसा.... फिर से कोई जवाब देने वाला नहीं होगा... फिर से राज्य सरकार केंद्र को दोषी ठहरायेगी... और केंद्र राज्य को....... फिर कुछ नहीं होगा.... कोई सुनवाई नहीं होगी.....
फिर से कुछ नहीं होगा........... फिर से दो व्यवस्थाओ के बीच पिस गया बेरोजगार.........
उफ्फ्फफ्फ्फ्फ़
:-देव
7 टिप्पणियां:
मरने वाला आम आदमी का बच्चा था ना इस लिए सब नियंत्रण में है ... कोई खास होता ... एक खरोच भी आ गई होती ... दिख जाता आपातकाल !
सही बोले ... इनकी तो @#$%^&*%$#@!*&^%#$#@%$%%$# ...
दुखद।
अफसोसजनक!!
बेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - पधारें - ठन-ठन गोपाल - क्या हमारे सांसद इतने गरीब हैं - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा
बिलकुल सही कहा आपने
कई दिनों से बाहर होने की वजह से ब्लॉग पर नहीं आ सका
कुछ हद तक तो ये पढ़े-लिखे अनपढ़, आलसी भी तो उत्तरदायी हैं.
हर कोई देव बाबा की तरह मेहनत से नहीं न पढ़ता है. :-P
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