भाई लोगों की जय हो...
और जय पत्नी..
और जय शादी-शुदा मर्दों की.....
अब पूछिए शादी शुदा मर्दों की जय? काहे.... तो भैया... आज कल देव बाबा को वह गूढ़ ज्ञान मिल रहा है जो आज तक अनबूझा था.... अब साहब एक वाक्या सुनाता हूँ....
मनीषा जी ने कहा की आगे वाले कमरे की बैठक के लिए कुशन लाना है.... सो भैया देव बाबा और मनीषा जी ने चार कुशन ले लिए... अब भैया उनके कवर भी लाने पड़ेंगे...
सो कवर लाने के लिए रिलायंस लाइफ गए... भैया लाइफ में पहली बार तकिये और कुशंस की खरीद-दारी हो रही थी... सो साईंज का झोल हो गया और कवर छोटे साइज़ के आ गए.... ससुरा वहां जजमेंट नहीं आया और चार छोटका कुशन कवर आ गया..... तेरी तो...
घर आये तो फिर हाल वही.... अभी साहब आगे क्या हुआ होगा...?
सोचिये....
बस होना क्या था... चार कुशन लिए गए (छोटे साइज़ के कवर के लिए) और बड़े साइज़ के कुशन के लिए कवर आये.... लेने गए थे चार कुशन... हो गए आठ....
बताइये तो....
यह अनुभव अनोखा था.... आप भी बताइये कुछ... ऐसा आपने भी कुछ झेला हो तो....
-देव
(बहुत दिनों से ब्लागिंग से दूर हूँ.... कुछ आफिस के काम और कुछ अपने निजी मामलो को सुलझाने में लगा हूँ..... जल्दी ही फुल फ़ार्म में वापसी करूँगा....)
3 टिप्पणियां:
अभी तो पहले तल में हैं, हम 12 साल से इसमें डूबे हैं।
कुछ बड़े अनुभवों को बताईये ई तो कुछ भी नहीं है।
ट्रेलर देख कर फिल्म की समीक्षा लिखने जैसी बात कर रहे हो, बाबू..हा हा!!
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