ममता जी, आपकी रेल ने तो भैया अजीब उलझन में डाल दिया है । शादी करने जा रहे देव बाबा की ही टिकट कन्फर्म नहीं करी.... एक दिन का डिले | यार गजब ही ढा दिया, अब आज रात में देव बाबा को स्लीपर में जाना पड़ेगा । कल रात को जो कन्फर्म नहीं हो पायी वह ए सी में थी। आज स्लीपर जिंदाबाद। वैसे स्लीपर के अपने मजे होते हैं... उत्तर प्रदेश साइड में जाने वाली ट्रेन के स्लीपर डिब्बे में यात्रा करना अपने आप में एक बड़ी गंभीर चुनौती होती है.. जनता ना मालूम कैसे कैसे साजो सामान के साथ यात्रा करती है... कभी कभी तो ऐसा लगता है यह शरणार्थियों का जत्था कहाँ से कहाँ की यात्रा पर है.... आप नीचे उतर नहीं सकते... और अगर उतर गए तो फिर चढ़ के दिखा दीजिये....
अभी तक का मेरा अनुभव स्लीपर का बहुत मजेदार रहा है... भाई अपनी सीट कन्फर्म है ना फिर भाड़ में जाए जनता... क्या फर्क पड़ता है| वैसे ट्रेन में ज्ञानियों से मुलाकात होती है... एक बार मुझे याद है कोई पंडित जी पूरी रामायण की कथा वाचन कर रहे थे और पूरा डब्बा तन्मयता से उसका आनंद ले रहा था| और वहीँ बिना मतलब की बकर बकर करने वाले और दुनिया को अपना पोंगा ज्ञान परोसने वाले भी कम नहीं होते.....
यात्री.... मिया बीवी.... बच्चा... और समान.... सुराही... टीन वाला पेटी.... मग्गा, बोतल... बच्चे का झुनझुना... कंघी... सब उपैरे में मिलना चाहिए.... और पूरा बर्थ फैलाए रहेंगे.... गलती से आपका नीचे वाला और खिड़की वाला बर्थ है तो फिर आपसे बर्थ मांगने वालों की लाइन लग जाएगी.... एक बाबु तू त अकेले हऊवा.... हमनी के ई बर्थ दे द ना हौ.... तू ई उपरै वाला बर्थ पर चलि जा.. सुति जा फ़ेर.... अबे तेरी तो.... इत्ती गुस्सा लगती है की क्या कहें..... मगर फ़िर लगता है की इनका कुछ होने वाला नहीं है.... काहे पन्गा लेबै... सो पिछली तीन यात्राओं से तो उपरै सोते हुए ही आ रहा हूँ....
कुछ ऐसी लाइने जो ट्रेनों में आम है.... सुनिए आप लोग भी...
१) ई सिंगले डाउन रहेगा आज
२) ए बबुआ तनी हमर बोतालवा भर के लाइ बे डी
३) ए हाउ, मुन्ना के बाप्पा निच्चे उतरे रहे चढै की नाही
४) बाबू तनि हमरो के जगहिया दे द हौ...
५) हमार चपलवा.... इहै रहा... ऊ सरवा आपण समान में हमर चपलवै दबा दिहिस
६) ऊ ट्रेनवा काहे पहिले जा रहा है... जब आया पहिने इ ट्रेन रहा....
७) ऊ सरवा... निंचा उतरै रहला... चढिये नाहीं पऊलस... चेनवा खिचै पडल तोहरे चढावै खातिर...
.....
.....
वगैरह वगैरह.... सो भाई तयारी जबरदस्त है... स्लीपर से... तीस घंटा.... बाप रे... झेलिये भाई झेलिये.... क्या कहियेगा....
(आज का सफ़र: दादर-वाराणसी एक्सप्रेस.... दादर से रात १२:३० पर छुटेंगे, और पूरे तीस घंटे के बाद फिर बनारस पहुचेंगे.... ....)
-देव
18 टिप्पणियां:
ये तो भला हुआ की आपको स्लीपर में रिजर्वेशन मिल गया, वरना कहीं आपका हाल पूर्व राष्टपति महामहिम ए पी जे अब्दुल कलाम जैसा हो जाता तो..... :)
रिजर्वेशन तो मिल गया... लेकिन एक बार ट्रेन को यूपी बिहार पहुँचने दीजिये, फिर कैसा रिजर्वेशन काहे का रिजर्वेशन.... अपना भी एक्सपीरियंस
है भाई :)
शादी की बहुत बहुत शुभकामनाएँ !!
शादी की शुभकामनाएँ!
Enjoy your journey!
happy wedding
शादी की शुभकामनाएँ, और स्लीपर में यात्रा वो भी ३० घंटे की उसके लिये आपको कम से कम एक दिन तो घर पर जाकर सोना ही पड़ेगा, पर लगता नहीं है कि आप सो पायेंगे, क्योंकि शादी की रसम शुरु हो जायेंगी और मीठी मीठी मस्तियां शुरु हो जायेंगी, सब लिखना आकर, कोई मस्ती छूट न जाये। आखिर दुल्हन एक बार ही लाते हैं, और शादी भी एक ही बार होती है।
वैसे भी अभी गूगल मैप बता रहा है कि आप घर पर ही हो, लोकेशन के लिये जासूस तो अपने ब्लॉग पर छोड़ ही दिये हैं, जहाँ जहाँ जाओगे पता चल जायेगा। :D
chalo bhaiya shaddi karne se pehle iska bhi anand lelo..baad me hamesha 1 mahine pehle hi reservation confirm karva liya karenge.. :)
हा हा .... क्या 'लाईने लिखी हैं' मजा आ गया :डी
एक ठो हम भी जोड़ देते हैं, "के गईल है रे बथरूम्वा में रे...कतना देर से लागल है"
और हाँ, शादी करने जा रहे हैं, इतना पापड तो बेलना ही पड़ेगा न :)
शुभकामनाएं!
देव बाबू आप बनारस जा रहे हैं और वो भी शादी करने तो स्लीपर से क्या डरना.
वैसे मैं भी बनारस जा रहा हूँ. वहाँ मैं 20 तारीख को पहुँचूंगा. भाई जाना पड़ता है .. बनारस का मूल निवासी जो ठहरा.
शादी की शुभकामनाएँ
शादी करने जारे लोगों को वैसे भी शुभकामनाएं देनी ही चाहिए.. जिंदगी भर काम आता है.. ;)
मेरी भी शुभकामनाएं.. :)
हा हा हा हा ....बहुत सही और सटीक चित्रण किया.....इस ट्रेन पुराण में......
हा हा हा हा ....बहुत सही और सटीक चित्रण किया.....इस ट्रेन पुराण में......
यार ३० घंठे बैठकर ट्रेन में फिर शादी करेगा ....ये तो torture हो गया तेरे साथ.
मेरा भी बहुत मन हो रहा है शादी में आने का ....
यहाँ बैठे बैठे में सपने बुन लेता हूँ और आपको दिल से दुआ करता हूँ की ये नया सफर (शादी का ) मंगलमय और सुखमय हो. बहुत सारी शुभकामनायें और आशीर्वाद !!
मजे करो और लिखो जल्दी से ....
अरे भाई देव.... कॉल कर रहा था तो स्विच ऑफ जा रहा है.... मराठी में कोई बहुत सुरीली अवाज़ में....कहानी सुना रही थी.... अपना लोकल नम्बर देना मुझे....
शादी की शुभकामनाएँ! ...इतनी मेहनत तो करना ही पड़ेगी भाई. :)
आवा भिया, आवा....
जल्ली आवा हो...
बियाहे में देर होत ह हो !!!
खुदा खैर करें ! वैसे अब तक तो आदत में आ गया होगा ? ऊपर वाला भी तुम्हे तैयार कर रहा है आगे आने वाली मुश्किलों के लिए ! सो बबुआ just chill !
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