बुधवार, 11 जनवरी 2012

चुनाव आया रे.... देखो देखो....


(चित्र गूगल से साभार)
आज बरहा हिंदी टूल से हाथी टाइप किया हठी हो गया..... फिर मन ही मन सोचा की गलत क्या है..... लखनऊ का हाथी तो हठी है ही.... बड़े मुद्दे चलेंगे चुनाव में.... और फिर से लोगों के भले की सोचेंगे ये नेता लोग.... अच्छा है न.... जी बिलकुल... कल मेरे एक मित्र (जो की बैंगलोर के रहने वाले हैं) ने पुछा की उत्तर प्रदेश का चुनाव इतना खास क्यों है, हमने कहा जी वह इसलिए की यदि उत्तर प्रदेश एक अलग देश होता तो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी आबादी का देश होता.... और उसके ऊपर चीन, भारत और अमेरिका ही होते.... उत्तर प्रदेश में चुनाव कराना किसी देश में चुनाव करने की तरह है.... हिंदुस्तान ने केवल इसी फ्रंट पे तो तरक्की की है जो ई वी एम् ले आये... नहीं तो आज भी गोरे फिरंग लोग पर्चे ही छाप रहे हैं...

एक नज़र उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान की एक तस्वीर पर डाली जाए तो आप पाएंगे यहाँ पर मतदान विकास की जगह पर कम और जाति और मज़हब के नाम पर अधिक है, पश्चिम उत्तर प्रदेश थोडा संपन्न है तो पूर्वी उत्तर प्रदेश थोडा पीछे....यह उत्तर प्रदेश... देश को सबसे अधिक प्रधानमंत्री दे चुका है और राष्ट्रीय राजनीती में उत्तर प्रदेश हमेशा देश के मार्ग-दर्शक के रूप में आया है... इधर कुछ वर्षों से राष्ट्रीय राजनीति से उत्तर प्रदेश थोडा अलग रहा... चलिए उत्तर प्रदेश की राजनीतिक बिसात पर कोई भी जीते... कोई भी हारे.....अब आप से बड़ी मासूमियत से एक प्रश्न पूछे की देश की सबसे अमीर मुख्यमंत्री कौन ? कोई शक है क्या इसमें..... जी यह हैं मायावती.... जी बिलकुल सही कहा हमने.....  एक सद्दाम हुसैन ने अपने जीते बुत्त खड़े किये और एक मायावती ने..... एक का अंजाम दुनिया ने देखा.... एक का शायद तीन चार महीने में जनता दिखाएगी....  देख लीजिये... क्या होता है....


4 टिप्‍पणियां:

शिवम् मिश्रा ने कहा…

अरे भईया होना क्या है ... मान लो बहन जी चली भी गई ... तो चाचा आ जायेंगे ... या कोई और रिश्तेदार अपनी रिश्तेदारी जताएगा ... असली बात यह है मिले मिले में मज़े मज़े से जनता की मार ली जायेगी ... और कोई भी कुछो नहीं कर सकेगा ... काहे कि हर एक के हाथ में यह लोग तब तक के लिए एक एक झुनझुना ... बजाते रहो और गाते रहो ... चुनाव आया रे.... देखो देखो....चुनाव आया रे.... देखो देखो....

शिवम् मिश्रा ने कहा…

गाने के लिए दे ही चुके होंगे !

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

देखिये बरहा भी अन्दर की बात जानता है।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

:) प्रवीण जी की टिप्पणी सटीक है :):)