रविवार, 4 जुलाई 2010

विवाह पुराण:- द्विरागमन के दिन हवाई अडवेंचर

ब्लॉग जगत से एक अल्प विराम के बाद देव बाबा की वापसी हो गयी है. जब गए थे तो सिंगल थे अबही डबल हैं.... ही ही... ये सुन कर मनीषा जी हंस रही हैं . कोई बात नहीं भाई,.... बीवी की मुस्कान बानी रहनी चाहिए वरना आदमी का जीना मुश्किल हो जाए भाई.... सही कही की नहीं? अनुभवी लोगों की अपनी अपनी राय होगी....

आज भैया मन हो रहा है की अपनी शादी के वृत्तान्त को आपके साथ साझा किया जाये..... औरंगाबाद जाने वाली ट्रेन में तो जो बीती उसको पहले ही ब्लाग पर पटक चुका हूँ अभी उसके आगे का किस्सा सुनिए....
२१ जून को बरियाती और देव बाबा पहुंचे औरंगाबाद... और फिर शुरू हुआ वैवाहिक कार्यक्रम.... कुछ विद्वान लोगों ने हमारा हाथ पकड़ कर हमें स्टेज पे बिठा दिया और फिर लगे फोटुआ पे फोटुआ हैंचने... क्या मोबाईल कैमरा... क्या बड़का कैमरा..... ससुरा फ्लैश फ्लैश... आँखे चौंधिया रही थी और ससुरा कैमरामैन लगा हुआ था की इधर देखिये.... उधर देखिए........ तेरी ऐसी की तैसी.... ससुरे आज मिल... तेरा लेफ्ट राइट ना किया तो फिर देखना..... तो फिर साहब कुछ देर की फोटुआ फोटुआ के बाद मनीषा जी का आगमन हुआ..... और फिर मनीषा जी और देव बाबा का जय माल हुआ.....

वैसे विद्वानों ने जय माल की प्रक्रिया को थोडा काम्प्लेक्स जरुर किया.... मतलब हमें उप्पर उठा दिया और फिर मनीषा जी को भी उप्पर उठा कर जयमाल हुआ... (यार इसकी किसी ने फोटू नहीं हैंची.... सब उप्पर उप्परे चिल्लाने में व्यस्त थे.... ) बस इसके बाद विवाह का कार्यक्रम संपन्न हुआ | द्विरागमन के दिन एक बड़का अडवेंचर हो गया..... लीजिये आप भी सुनिए....

दर-असल देव बाबू और मनीषा जी की टिकट कुछ इस तरह से थी....
सुबह ८:३० औरंगाबाद > मुम्बई (जेट एयरवेज़) जिसको मुम्बई पहुंचना चाहिए था सुबह के ९:१५ पर
सुबह ११:३५ मुम्बई > वाराणसी( स्पाईस जेट) जिसको वाराणसी पहुंचना चाहिये था दोपहर के ३:५० पर

अब सुनिये असली बात.... हम तो सोचे थे की ९:१५ से ११:३५ के बीच दो घंटा पर्याप्त होगा.... मगर जो सोचो वह कभी होता है क्या?
साहब जेट एयरवेज़.....लेट एयरवेज़ में तब्दील हो गयी और मात्र दो घंटा लेट हुई.... अब साहब जेट की उडान मुम्बई पहूची ११:१५ पर.... (दिमाग इसलिए भी खराब हुआ क्योंकि जेट एयरवेज़ में एनाउन्समेंट करते टाइम एक्को बार नहीं कहा की देरी के लिए हमें खेद है.... शायद उनको आदत है लेट ही चलने की..) अब भैया मुम्बई एयरपोर्ट पर देव बाबु और मनीषा जी.... खड़े हैं बेकुफो जैसे.... जेटवा ससुर हमर बनारस का प्लेन छुटवा दईलस गुरु..... अब का होई... रे अम्मा.... शादी का रिसेप्शन और दुल्हा दुल्हन लापता? ई कईसे होई मालिक..... यार ना जेट नें कोई हेल्प की और ना ही स्पाईस जेट नें....

एक के लेट होनें और एक के लेट ना होनें की वजह से खडे थे और इंतज़ार कर रहे थे की शायद कोई समाधान दिमाग में आए.... ना जानें कईसे दिमाग स्ट्राईक हुआ और फ़िर इंडिगों की एक फ़्लाईट लखनऊ के लिये मिली। बस भगवान को धन्यवाद दिया और फ़िर इंडिगों की उडान लेकर ४:३० पर लखनऊ पहुंच गये। अब क्या करें? लखनऊ से बनारस कईसे जाएं..... एयरपोर्ट की प्री-पेड टैक्सी पर एक टाटा इंडिगो मिली.... और फ़िर लखनऊ से बनारस की सडक यात्रा पर निकल लिये। रात के १०:३० पर बनारस पहूंच गये.......... लेट तो हुआ मगर शायद फ़िर भी समय पर ही पहुंचे........ | धन्य हो जेट एयरवेज जिसने ना सिर्फ हमारे पैतीस हज़ार रूपये खर्चा कराए.... यार दो घंटा लेट होना कोई मजाक है क्या ? पूरा दिन ऐसा गुज़रा की क्या कहें.... हमेशा कूल कूल रहने वाले देव बाबु भी गजब की टेंसन में थे भाई..... बहरहाल माता-पिता की चिंता और परेशानी के आगे हमारी आर्थिक क्षति के कोई माइने नहीं थे........... और २५ को ही बनारस पहुँचने की धुन में सब कुछ जायज़ था भाई...........

बस फिर क्या रात को ही सही... पहुंचे और फिर देव बाबा की शादी पूर्ण हुई.... बस भैया तो फिर बोलो......... जय लेट एयरवेज़............ मेरा मतलब है जय जेट एयरवेज़............... ससुरों ने मेरी जेब ढीली करा दी...........

-देव
(अभी कुछ दिन शादी के अनुभवों पर ही लिखूंगा.... खास तौर से बारातियों के बारे में... गजब के प्राणी होते हैं बाराती.......... हा हा .... )

7 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बधाई हो..पहुँच तो गये...आगे इन्तजार है किस्सों का!!

विवेक रस्तोगी ने कहा…

दूल्हे राजा का दुल्हनिया के साथ स्वागत हैं मुंबई मां।

जय लेट एयरवेज, इनकी तो पुंगी बजा देनी चाहिये, अनुभव ही व्यक्ति को सहनशील बनाता है। :)

शिवम् मिश्रा ने कहा…

अरे अंकल,
पहुँच गए यह क्या कम है ??
वैसे एक क्लेम तो कर ही दो जेट पर !

राम त्यागी ने कहा…

अरे वाह ..आ गए ...पहले तो दोनों को बधाई हो
किसी दिन कॉल करता हूँ,

लग रहा है बड़ी मुश्किल हुई , में तो २० मिनट पहले ही एअरपोर्ट पहुचता हूँ, पर हर सफ्ताह ट्रेवल कर कर के इनकी नस नस को पहचान गया हूँ, ससुरों को sue कर दो ...बहुत नाम है लेट एयरवेज का और काम ऐसे ऐसे ....

पैसा वापस देना पड़ेगा जिस हिसाब से उन्होंने तुम्हारी हालत पतली की है, हमारे दुल्हे दुल्हन को पहले ही दिन परेड करा दी

चलो शादी पाठ रोज होगा अब तो ..किस्सों का बेसब्री से इन्तजार है बाबू !!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

शुरुआत में टेंशन हो गया,अब ज़िन्दगी निःटेंश रहेगी ।

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..

Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji ने कहा…

बारात पुराण लमहर हैन्चो देव बाबू.
जय लेट एयरवेज की.
भौजी को प्रणाम. :-P