tag:blogger.com,1999:blog-6267379225471019863.post7430847867174139927..comments2023-10-26T10:42:02.528-04:00Comments on मेरी दुनिया मेरा जहाँ....: पीछे पडी है यार....Dev K Jhahttp://www.blogger.com/profile/06471032900319205793noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6267379225471019863.post-21351795735518182552010-05-24T02:59:01.732-04:002010-05-24T02:59:01.732-04:00बहुत खूब, लाजबाब !बहुत खूब, लाजबाब !संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6267379225471019863.post-7522944932438670982010-05-21T21:12:16.356-04:002010-05-21T21:12:16.356-04:00:):)राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6267379225471019863.post-63456987248456156232010-05-20T15:30:48.707-04:002010-05-20T15:30:48.707-04:00यदि लज्जा ही निर्लज्ज होकर
घूमेगी घर के आँगन में....यदि लज्जा ही निर्लज्ज होकर <br />घूमेगी घर के आँगन में. <br />तो स्वयं नयन की मर्यादा <br />भागेगी छिपने कानन में. <br /><br />यदि लज्जा ही मुख चूमन को <br />लिपटेगी अपनी काया से. <br />तो कैसे आकर्षित होंगे <br />चख, ह्री की श्रीयुत माया से. <br /><br />यदि लजा ही अवगुंठन की <br />आलोचक बन जाए भारी. <br />तो कौन कवच ऐसा होगा <br />होगी जिसमें निर्भय नारी.http://darshanprashan-pratul.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6267379225471019863.post-11207124222366530132010-05-20T15:06:57.398-04:002010-05-20T15:06:57.398-04:00बोलो देव बाबा की .......................जय !!बोलो देव बाबा की .......................जय !!शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6267379225471019863.post-4133801928655869112010-05-20T13:53:44.626-04:002010-05-20T13:53:44.626-04:00हे नारी जाग
अपने स्वरुप को पहचान
सार्थक है ये आह्व...हे नारी जाग<br />अपने स्वरुप को पहचान<br />सार्थक है ये आह्वान क्योकि नारी जब अपने स्वरूप को पहचान लेगी तो स्वयं ही स्थितियों के बिगड़ते स्वरूप में भी सार्थक सुधार आ पायेगा.<br />सुन्दर पोस्टM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6267379225471019863.post-51812252312001966082010-05-20T13:43:55.077-04:002010-05-20T13:43:55.077-04:00बकवास बातों के लिए आज कल की जनता के पास कितना समय ...बकवास बातों के लिए आज कल की जनता के पास कितना समय है? एक हमारे पास टाईम की इतनी किल्लत है और इनके पास ससुरा बेकार फ़ेंकनें के लिये भी समय की भरमार है ,बिलकुल सच कहा आपने ,आज कोई भी सत्य और न्याय के लिए एक शब्द भी नहीं बोल पाता है या दिन में आधा घंटा भी नहीं दे पता है / देव जी आज हमें सहयोग की अपेक्षा है और हम चाहते हैं की इंसानियत की मुहीम में आप भी अपना योगदान दें / पढ़ें इस पोस्ट को और हर संभव अपनी तरफ से प्रयास करें ------ http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/05/blog-post_20.htmlhonesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.com