शुक्रवार, 15 जनवरी 2010

चतुर के चमत्कार.........

चतुर के चमत्कार.........

वैसे तो हिंदुस्तान में चमत्कार होना कोई नयी बात नहीं है मगर फिर भी आज कल तो बहुत ही ज्यादा चमत्कारों का सिलसिला चल निकला है.......... थ्री इडियट्स क्या आई ससुरे चतुर ने चमत्कार का मतलब ही बदल डाला... बहरहाल अभी फ़िलहाल मैं असली चमत्कारों की ओर ही चलता हूँ.... हमारा देश चल रहा है, यह चमत्कार..... सरकार चल रही है, एक और चमत्कार.... सरकारी तंत्र चल रहा है लो भैया सबसे बड़ा चमत्कार....... अभी और क्या क्या चमत्कार गिनाऊ आप लोगों को........ अभी देखिए हॉकी के चमत्कार हो गया... भला हो खिलाडिओं का जो मैदान पर वापस लौटे... मालूम नहीं क्या होगा हॉकी विश्व कप में मगर कम से कम अभ्यास में तो आये.... | यार सरकारी सिस्टम ही सबसे बड़ा चमत्कार होता है, अभी एक बात आप लोग सुनिए.... और गौर करिए......... क्या हाल है हमारे सरकारी खेल का....... सरकारी बैंक का............. सरकारी पशु का....... सरकारी चैनल का............ सरकारी बसों का.............. सरकारी रेलों का............. बस करूँ या और गिनाऊ........... हॉकी वालों ने सवाल उठाया तो कम से कम उनकी किसी ने सुनी तो सही........ अपन कहाँ और किसके साथ आवाज उठाएं...........

यार मैं तो मुंबई में रहने वाला एक आम इन्सान हूँ, ऑफिस से घर और घर से ऑफिस में ही ज़िन्दगी काट देता हूँ....... सुबह शाम कम से कम दो घंटे तो सड़क पर बिताता ही हूँ.... हमेशा देखता हूँ... कैसे सरकारी बस बिंदास सिग्नल तोड़ के निकल लेती है, चौराहे का मामा कुछ नहीं बोलता..... शायद दुनिया में हिंदुस्तान ही अकेला ऐसा देश होगा जहाँ दो सरकारी बसे एक दुसरे के साथ रेस लगाने के लिए सिग्नल.... लेन सब तोड़ डालती हैं.... ओवर टेकिंग जिंदाबाद........ ना मालूम कौन सी जल्दी है इनको........ भगवन ही जाने.... अभी रेल को देखो...... कितनी लेट.... कितनी सही........ जाड़े के दिनों में तो भगवान् ही मालिक .......... |

वैसे हम लोग वैसे तो बिंदास रहने और मस्त रहने की कोशिस करते हैं.... और शायद रहते भी हैं....... अपनी अपनी दुनिया में ......... मगर अब शायद समय की मांग कुछ और है... हमें कुछ तो करना होगा यार......... | कोई तो ज़िम्मेदारी लेगा इसकी.......... कौन...............? पता लगाओ............ नहीं तो दुनिया में चमत्कार पे चमत्कार होते ही रहेंगे...................

चतुर जिंदाबाद.........................

देव
जनवरी, १६, २०१०

1 टिप्पणी:

संजय भास्‍कर ने कहा…

चमत्कार पे चमत्कार होते ही रहेंगे...................